आज हम समाज के उन लोगो से एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ जो माता पिता हमे अपनी जान से ज्यादा प्यार करते है हमारे सुखो के लिए अपना जीवन दुखो से भर लेते है और वही माता पिता जब थक जाते है तो हम उन्हे बोझ समझ कर उनसे दूर भागने लगते है परन्तु हमे यह पता होना चाहिए जब वह हमारा पालन कर सकते है तो वह अपना भी कर सकते है।क्या यह हमारे नैतिक मूल्यो का पतन नही हैं। जय हिन्द
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