Saturday, October 17, 2020

नागदोन के आयुर्वेदिक लाभ

लैटिन नाम: pedilanahus tithymaloi

हिंदी नाम: नागदोन, नागदमन, विषमार

संस्कृत नाम: नागदमनी

नागदोन का पौधा एवं परिचय, नागदौन की जानकारी:

  • नागदोन (नागदमनी) का पौधा जिसमें डालियाँ और टहनियाँ नहीं होती है |
  • इसके जड के ऊपर से ग्वारपाठे की सी पत्तियाँ चारों ओर निकलती हैं |
  • नागदमनी के पत्ते गहरे हरे रंग के, 3-4 इंच लंबाई वाले, तदनुसार चौड़ाई भी थोड़ी ही- ऊर्ध्वमुखी शाखाओं पर अल्प संख्या में ही होते हैं।
  • नागदमनी के कभी फूल या फल नहीं आते | इसकी डंडी या पत्ता तोड़ें तो दूध जैसे द्रव का स्राव होता है |
  • नागदौने की जड कंद के रूप में नीचे की ओर जाती है ।
  • कम जल और किसी भी वातावरण में जीवित रहने वाला नागदमनी के डंठल को तोड़-काट कर भी आसानी से लगाया जा सकता है|
  • वैद्यक में नागदौना चरपरा, कडुआ, हलका, त्रिदोषनाशक, कोठे को शुद्ध करनेवाला, विषनाशक तथा सूजन, प्रमेह और ज्वर को दूर करनेवाला माना जाता है ।
  • नागदोन (नागदमनी) के आयुर्वेदिक प्रयोग:-

मेधा-शक्ति-वर्धन:

मन्दबुद्धि बालकों को साधित नामदमनी मूल को भद्रादि रहित किसी रविवार या मंगलवार को ताबीज में भर कर लाल धागे में पिरोकर गले या बांह में बांध देने से अद्भुत लाभ होता है।सामान्य बालकों के बौद्धिक विकास हेतु भी यह प्रयोग किया जा सकता है।

बवासीर की समस्या में:-

 गुदा-नाल में वाहिकाओं की वे संरचनाएं हैं जो मल नियंत्रण में सहायता करती हैं।[1][2] जब वे सूज जाते हैं या बड़े हो जाते हैं तो वे रोगजनक या बवासीर[3] हो जाते हैं। अपनी शारीरिक अवस्था में वे धमनीय-शिरापरक वाहिका और संयोजी ऊतक द्वारा बने कुशन के रूप में काम करते हैं।

बवासीर दो प्रकार की होती है - खूनी बवासीर और बादी वाली बवासीर। खूनी बवासीर में मस्से खूनी सुर्ख होते है और उनसे खून गिरता है जबकि बादी वाली बवासीर में मस्से काले रंग के होते है और मस्सों में खाज पीडा और सूजन होती है। अतिसारसंग्रहणी और बवासीर यह एक दूसरे को पैदा करने वाले होते है।

प्रयोग 

नागदोन की एक से तीन पत्ती व एक से दो काली मिर्च को पीसकर रख ले |उसमें से एक चम्मच रस को सुबह खाली पेट पीने से बहुत ही लाभ होगा और अगर किसी व्यक्ति को अत्यधिक मात्रा में खून आता हो और वह बवासीर की वजह से बैठ भी नहीं पाता हो तो ऐसे व्यक्तियों के लिए ये उपाय बहुत ही उपयोगी है

 नोट- आप नागदोन के पत्ते को चबाकर भी खा सकते हैं और ऊपर से दो काली मिर्च का सेवन कर सकते हैं| इससे ब्लीडिंग की समस्या शीघ्र समाप्त हो जाती है |पत्ते अगर बड़े हैं ,तो केवल 1 पत्ते का सेवन करें और अगर पत्ते छोटे है तो 2 पत्ते का सेवन कर सकते हैं |

मासिक रक्तस्राव में लाभ:

मासिक रक्तस्राव अधिक हो तब भी यह प्रयोग किया जा सकता है| इसके तीन छोटे पत्ते काली मिर्च के साथ पांच दिन तक खा लें या फिर एक चम्मच रस सवेरे खाली पेट लें|जिन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अधिक मात्रा में रक्त स्राव होता है | उनके लिए नागदोन का पत्ता काफी लाभदायक हो सकता है|

 प्रयोग:- नागदोन के पत्ते को लेकर उसमे एक या दो काली मिर्च पीसकर उस का रस बनाकर सेवन करें | इससे जो अति रक्तस्राव की समस्या होती है | उसमें तत्काल लाभ होता है |

कब्ज़ में लाभ:

कब्ज होने का मतलब है मलत्याग में परेशानी होना या मल का सामान्य से कम आना। कब्ज एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति का पाचन तंत्र खराब हो जाता है, जिसके कारण वह जो भी खाना खाता है उसे पचा नहीं पाता है। यह आमतौर पर गंभीर नहीं है।

नागदमनी का चूर्ण खाने से लाभ होता है या उनका रस काली मिर्च के साथ खाली पेट लें |

फोड़े फुंसियों और सूजन में (nagdon ke patte ke fayde)- 

जिस व्यक्ति को कहीं भी सूजन हो या फोड़े या फुंसियां हो ,उनके लिए नागदोन का पत्ता बहुत ही उपयोगी है | नागदोन के पत्ते का प्रयोग सूजन, फोड़ा  या दर्द है ,उसमें बहुत ही आसानी से किया जा सकता है|

 प्रयोग

 नागदोन के पत्ते को थोड़ा गर्म करके उस पर दर्द निवारक तेल लगा कर उस स्थान पर बांधे ,जहां पर सूजन या फोड़ा है | इससे सूजन या दर्द में आराम मिलेगा | अगर सूजन है तो वह कम हो जाएगी और अगर फोड़ा है तो वह दब जाएगा |आप इसमें सरसों का तेल भी लगा कर बाँध सकते हैं।

नागदोन के नुकसान nagdon ke nukaan-

वैसे देखा जाए तो जितनी भी औषधीय गुणों वाले पौधे होते हैं  उनके फायदे अधिक होते हैं और नुकसान नाम मात्र के होते हैं |नागदोन भी अपने औषधि कोणों के लिए जाना जाता है और इन्हीं औषधि गुणों के कारण इसका प्रयोग अनेक बीमारियों में किया जाता है |लेकिन आपको इसका प्रयोग उतनी ही मात्रा में करना चाहिए जितनी मात्रा में आपको बताया जाता है | अगर आप इसका प्रयोग अत्यधिक मात्रा में करेंगे तो आपको इसका कुछ नुकसान भी देखने को मिल सकता है, लेकिन अभी तक इसका कोई नुकसान सामने देखने को नहीं मिला है|

नोट:-  आप किसी भी औषधि का प्रयोग बताए गए नियमों के अनुसार ही करें|वैसे भी किसी भी दवा को चिकित्सक की देखरेख में ही खाना उचित होता हैं।यहाँ पर बताये गए किसी भी उपाय को बिना चिकित्सक की परामर्श के न खाए।

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2 comments:

  1. अच्छी जानकारी

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  2. नागदोन सही प्रयोग है,लाभ मिलता है वो भी तुरंत सही जानकारी दी है आपने

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